सब बक़वास है
सब बक़वास है
सब बक़वास है मेरे
आस-पास है;
खाली दिमाग़ में उगती घास है.
चहूँ ओर देख के उदास घासी मान है;
बगैर कत्थे-चूने के लगा हुआ पान है.
हरा समंदर गोपी चंदर
बोल मेरी मछली कितना पानी?
गिट्टे-गिट्टे पानी या गोड्डे-गोड्डे
पानी?
मंकी-बंदर, सी-समंदर;
आउट है बाहर इन है अंदर;
दर्द तो होवे दिल के अन्दर.
पिजन-कबूतर, उड़न-फ्लाइ;
लुक-देखो, आसमान-स्काइ
क़लम है पैन्न खोह है डेन
ग्रामर इस द बेस्ट बाइ मार्टिन & रैन;
कब है व्हेन, तब है दैन्न;
क्या है व्हाट , आँत है गट
कहाँ है व्हेर,
यहाँ है हेअर,
बाल भी हेअर; खरगोश भी
हेअर !
गोरा है फेयर, फेयर है
मेला;
मेकिंग है बनाना, बनाना है
केला;
टोरटोईस है कछुआ, टो-रिंग है बिछुआ;
स्टमक है पेट, दरवाज़ा है
गेट;
जिगर है लिवर अब्डमन
भी पेट,
गाड़ी है ट्रेन, पीड़ा है पेन
खिड़की का शीशा भी पेन
गॉल ब्लैडर में पित्त
दवा बनाए स्मिथ,
ट्रू है सच्चा किड है बच्चा;
गुड है अच्छा अंडरवियर है कच्छा
लक़ब ख़िताब है, बुक क़िताब
है;
तितली है, सुंदर--ब्युटिफुल,बटरफ्लाइ
फूल है फ्लावर, बौछार है शॉवर;
पावर है शक्ति, तो प्रेयर है भक्ति;
प्रोफनडीटी ज्ञान है , लाइफ प्राण है
अब्सर्ड बक़वास है अराउंड आस-पास है,
ब्रेन दिमाग़ है , ग्रास तो घास है
घासिमन “अIत्मन “ तो है स्पेशल सोल
ग्लोब है गोल और सूरज भी है गोल
करुणा, वात्सल्य,प्रेम मानस की आस है
यही तो जीवन का मूल आभास है ;
चहूं ओर देख के घासिमन उदास है !
मेरे आस-पास यही तो सब बक़वास है?
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