सब बक़वास है
सब बक़वास है सब बक़वास है मेरे आस-पास है ; खाली दिमाग़ में उगती घास है. चहूँ ओर देख के उदास घासी मान है ; बगैर कत्थे-चूने के लगा हुआ पान है . हरा समंदर गोपी चंदर बोल मेरी मछली कितना पानी ? गिट्टे-गिट्टे पानी या गोड्डे-गोड्डे पानी ? मंकी - बंदर , सी - समंदर ; आउट है बाहर इन है अंदर ; अदरक़ जिंजर , क्ल्आउन कलंदर , दर्द तो होवे दिल के अन्दर. पिजन - कबूतर , उड़न - फ्लाइ ; लुक - देखो , आसमान - स्काइ क़लम है पैन्न खोह है डेन ग्रामर इस द बेस्ट बाइ मार्टिन & रैन ; कब है व्हेन , तब है दैन्न ; क्या है व्हाट , आँत है गट कहाँ है व्हेर , यहाँ है हेअर , बाल भी हेअर ; खरगोश भी हेअर ! गोरा है फेयर , फेयर है मेला ; मेकिंग है बनाना , बनाना है केला ; टोरटोईस है कछुआ , टो-रिंग है बिछुआ ; स्टमक है पेट , दरवाज़ा है गेट ; जिगर है लिवर अब्डमन भी पेट , गाड़ी है ट्रेन , पीड़ा है पेन खिड़की का शीशा भी पेन गॉल ब्लैडर मे